Sphatik mala
स्फटिक माला (Sphatik mala )
क्या होता है स्फटिक (Sphatik ) ??
स्फटिक अन्य रत्नो की तरह एक रत्न होता है जो की सिलिकॉन और ऑक्सीजन के एटम्स के मिलने से बना होता है यह देखने में बिलकुल कांच जैसा होता है और पारदर्शी होता है || इसका कोई भी रंग नहीं होता और इसको प्योर स्नो और वाइट क्रिस्टल भी कहा जाता है || यह रत्न बहुत ठंडी प्रवति का होता है और इसकी खूबी यह है की इसको जितनी भी धूप में रखा जाये फिर भी यह गरम नहीं होता ठंडा ही रहता है ||
इस रत्न को आभूषण के तौर पर शरीर पर धारण किया जाता है इसके बने हुए हार और कंगन बहुत लोकप्रिय है || स्फटिक के मनको में बहुत सी बीमारियों को ठीक करने की शक्ति होती है और रक्त विकार दूर करने के लिए भी बहुत उपयोगी है || पुराने समय से हमारे ऋषि, मुनि और वैद इसका इस्तमाल करते आये हैं || वैद इसका भस्म का इस्तेमाल बहुत सारी बीमारयां ठीक करने के लिए इस्तेमाल करते थे और अब भी किया जाता है || वेद शास्त्रों में इसके इस्तमाल के बहुत से फायदे बताये गए हैं ||
|| नीचे स्फटिक माला को इस्तेमाल और धारण करने की पूरी विधि दी हुई है कृपा इसे इस्तेमाल करने से पहले ध्यान से पढ़ ले ||
स्फटिक माला (Sphatik mala ) के उपयोग :
(1) जो भी इंसान स्फटिक के मनको की माला पहनता है वो शांत रहता है और उसको कभी भी गुस्सा नहीं आता ||
(2) स्फटिक माला को पहनने से इंसान सेहतमंद रहता है और बीमारियों से बचा रहता है ||
(3) स्फटिक इंसान के शरीर का रक्त चाप ठीक रखता है ||
(4) यह माला इंसान से भूत प्रेत और नकारात्मक शक्तिओं को दूर रखती है ||
(5) 108 मनको वाली स्फटिक माला का इस्तेमाल करके नीचे दिया गया सरस्वती मन्त्र का सात सोमवार लगातार जाप करने से हर कार्य में सफलता मिलती है ||
|| सरस्वती मंत्र : ||
“सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरुपिणि विद्यारंबम करिष्यामि सिद्धि र बावतुमे साधा”
(1) बुधवार के दिन स्फटिक माला का इस्तेमाल करके माँ लक्ष्मी का माला के तीन चक्र का जाप करने से हर में लक्ष्मी आती है और धन में वृद्धि होती है || मन्त्र का जाप चार बुधवार लगातार करना है ||
|| मंत्र : ||
“ॐ ह्रीं श्रीम लक्ष्मीभयो नमः॥”
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(1) घर में सुख शांति के लिए और घर में खुशीआं बढ़ाने के लिए स्फटिक माला का इस्तेमाल करके माँ दुर्गा का यह मन्त्र रोज़ जाप करें || एशिया करने से आपके घर में कभी मन मुटाव नहीं होगा और घर में शांति और बरकत बानी रहेगी ||
|| मंत्र : ||
” हे गौरी शंकरधंगी ! यथा तवं शंकरप्रिया,
तथा मां कुरु कल्याणी ! कान्तकान्तम् सुदुर्लभं”
जरुरी जानकारी :
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(8) स्फटिक माला को पहनने से पहले माला को इस्तेमाल करने से पहले माला को मंत्रो द्वारा प्राण प्रतिष्ठित किया जाता है इसके बिना यह माला किसी काम की नहीं है || अगर आप चाहते है स्फटिक माला का इस्तेमाल करना तो यह दो बातें जरूर याद रखें की एक तो स्फटिक माला के मनके बिलकुल असली हो और दूसरा माला को मंत्रो द्वारा प्राण प्रतिष्ठित किया गया हो ||
स्फटिक माला को प्राण प्रतिष्ठित करने का पूरा तरीका :
(1) सबसे पहले पूर्णिमा वाले दिन सूर्यास्त के समय नहा कर सफ़ेद कपडे धारण कर लें ||
(2) फिर उत्तर दिशा की तरफ मुंह कर के बैठ जाएं ||
(3) अब अपने सामने लाल रंग का कपडा बिछा लें ||
(4) फिर स्फटिक माला को ताम्बे के पात्र में साफ़ पानी में डाल दें ||
(5) उसको लाल कपडे के ऊपर रख दें ||
(6) फिर उसके सामने एक घी का दिया जला लें ||
(7) अब नीचे दिए गए मन्त्र का 111 बार जाप करें ||
|| मंत्र : ||
” ऐं ह्रीं अक्षमालिकायै नमः।
ॐ मां माले महामाये सर्व शक्ति स्वरूपिणि।
चतुर्वर्गः त्वयि न्यस्तः तस्मान्मे सिद्धिदा भव।।”
(8) यह क्रिया आपने 11 दिन तक लगातार करनी है ||
(9) 11 वें दिन माला को दोनों आँखों पर लगाकर धारण कर लें | |
|| अगर आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है ||