शंखनाद काल सर्प दोष
कुंडली में जब राहु नौंवे घर पर हो और केतु तीसरे घर में विराजमान होता है और बाकि ग्रह इनके बीच में होते है तो शंखनाद काल सर्प दोष बनता है || इस दोष वाले जातक के पिता के ऊपर भी इसका असर पड़ता है || जिसकी कुंडली में शंखनाद काल सर्प दोष होता है वो हर तरफ से नाकामयाब होता है और उसको पैसा कमाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है ||
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