महा-पदम् काल सर्प दोष
महा पदम् काल सर्प दोष में राहु होता है छेवें घर में और केतु विराजमान होता है बाहरवें घर में और बाकि सातों ग्रह होते है इनके मध्य में || यह दोष जातक को सरकारी चक्रों में फसा कर रखता है जैसे की उसके ऊपर कोर्ट केस हो जाता है और वो कोर्ट के चक्र काटता रहता है या फिर उसको जेल यात्रा भी करनी पड़ती है || यह दोष इंसान को नौकरी और पेशे की तरफ से भी परेशां करता है या तो नौकरी नहीं मिलती अगर मिल गयी तो सहकर्मियों से रिश्ते ठीक नहीं बनते ||
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